8th Pay Commission Big News: केंद्र सरकार आठवें वेतन आयोग को लेकर एक बड़ा बदलाव करने की दिशा में आगे बढ़ रही है। जानकारी के मुताबिक सरकार 10 साल पुराने नियम को बदलने की तैयारी में है, जिससे महंगाई भत्ते की गणना का तरीका पूरी तरह से बदल जाएगा। यह बदलाव कर्मचारियों की सैलरी को सीधे प्रभावित करेगा और भविष्य में मिलने वाली वेतन वृद्धि को भी और अधिक फायदेमंद बना देगा।
महंगाई भत्ता जीरो होगा लेकिन नुकसान नहीं होगा
सूत्रों के अनुसार, सरकार महंगाई भत्ते की गणना में प्रयुक्त आधार वर्ष को बदलने जा रही है। जैसे ही नया आधार वर्ष तय किया जाएगा, मौजूदा डीए को शून्य कर दिया जाएगा। हालांकि, इसका मतलब किसी भी तरह की कटौती नहीं होगा। मौजूदा महंगाई भत्ता सीधे तौर पर कर्मचारियों की बेसिक सैलरी में मर्ज कर दिया जाएगा जिससे उनकी कुल सैलरी में बढ़ोतरी होगी।
सीपीआई इंडेक्स के आधार पर होती है डीए की गणना
महंगाई भत्ते की गणना कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI-IW) के आंकड़ों पर आधारित होती है। वर्तमान में इसका आधार वर्ष 2016 है जिसे 7वें वेतन आयोग के समय तय किया गया था। अब सरकार इस आधार वर्ष को बदलकर 2026 करने जा रही है, जो 8वें वेतन आयोग के लागू होने के साथ प्रभावी हो सकता है।
कर्मचारियों की सैलरी पर पड़ेगा सीधा असर
जब नया बेस ईयर लागू होगा और महंगाई भत्ते की गणना नई और बड़ी बेसिक सैलरी के आधार पर होगी, तब हर 2%, 3% या 4% की डीए वृद्धि का असर काफी अधिक होगा। यानी भविष्य में मिलने वाला महंगाई भत्ता ज्यादा राशि के रूप में कर्मचारियों के खाते में आएगा और उनकी सैलरी में स्वतः तेजी से इजाफा होगा।
कब तक लागू होगा 8वां वेतन आयोग?
सरकार जल्द ही 8वें वेतन आयोग के लिए पैनल का गठन कर सकती है। रिपोर्ट्स के अनुसार, पैनल को अपनी सिफारिशें देने में 15 से 18 महीने का वक्त लग सकता है। हालांकि उम्मीद की जा रही है कि यह आयोग 1 जनवरी 2026 से लागू किया जाएगा, जिससे कर्मचारियों को एरियर का भी लाभ मिलेगा।
तकनीकी रीसेट है यह, कोई नुकसान नहीं
डीए का शून्य हो जाना दरअसल हर वेतन आयोग में एक तकनीकी प्रक्रिया होती है। इससे यह सुनिश्चित होता है कि सैलरी मौजूदा महंगाई के अनुरूप बनी रहे और आने वाले वर्षों में मिलने वाले डीए का लाभ और ज्यादा मिले। इसीलिए कर्मचारियों को इस बदलाव से डरने की जरूरत नहीं है, बल्कि आने वाले वेतन वृद्धि के लिए तैयार रहना चाहिए।